हाजरी नी महफ़िल बज्मे गजल में आपके आमन
और शिरकत का खैर मखदम करते हुए
हमे बहुत मशरत हो रही हे
आज के फनकार जनाब अनूप जलोटा साहेब से आप का तारुफ़ कराया जाए
इसकी जरूरत तो हम महसूस नहीं करते
लेकिन इनकी गायिकी और तालीम के बारे में
हारजिन को वाकिफ कराना चाहते हे
आपको इल्म इ मोस्की अपने वालिद
जनाब पुरषोत्तम दास जलोटा साहेब से विरासत में मिला हे
और अपने वालिद साहेब से ही
अनूप साहेब ने Classical मोस्की की तालिम हासिल की हे
लग्न और मुस्सल रेहाज के बाद
अनूप साहेब जिस बुलंद मुकाम पर पहुंचे हे
उस से आप सभी वाकिफ हे
आपका श्री अंदाजे ब्यान और अशार के हर लफ्ज में रूह फूक देने की
जो महारत आपको हासिल हे
वो आपके फन की खासियत हे
जॉकी सुफन के कद्रदानों
हम जानते हे के आपने आपके धड़कते हुए दिल पर हाथ रख लिया होगा
और आप अनूप साहेब को सुंनने के लिए बेकरार होंगे
तो लीजिये आपके मेहबूब मुसकार जनाब अनूप जलोटा साहेब
अपनी खूबसूरत गजलों और पुर्कीश आवाज के साथ आज की महफ़िल में गजल