में हुस्न हूँ मेरी
तस्वीर क्या बनाये कोई
जो रंग मुझ में भरे हैं
कहा से लाये कोई
में इश्क़ हूँ कोई मुझे
चाहे तो आज़माये कोई
मेरी मिसाल जहाँ में
कहा से लाये कोई
मेरे जलवो की कसम
इन अदाओं की कसम
खुल गया आपकी
आशिक़ी का भरम
न खुदा ही मिला
हाय हाय
न खुदा ही मिला
न मिला रे सनम
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
झूठे वादों की कसम
टूटे ख्वाबों की कसम
खुल गया आपकी
सादगी का भरम
न खुदा ही मिला है
न खुदा ही मिला
न मिला रे सनम
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
आप को हुस्न के
राज़ की क्या खबर
चुप रहे जो जुबान
बोलती हैं नज़र
अरे आप को इश्क़ के
राज़ की क्या खबर
इश्क़ के दम से हे
सब यह शामों सहर
अरे शम हैं जुहफ़े मेरी
मेरा चेहरा सहेर हैं
अरे जो जी चाहे कहेलो
तुमको किस का दर हैं
आप क्या चीज़ हैं
जिनसे डर जाये हम
खुल गया आपकी
आशिक़ी का भरम
न खुदा ही मिला
हाय हाय
न खुदा ही मिला
न मिला रे सनम
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
अरे हम तो वो रंग है
जो बदलता नहीं
हुस्न का हम पे जादू
भी चलता नहीं
हम वो सूरज हैं जो
चढ़ के ढलता नहीं
अपने आगे भी हा कोई
चलता नहीं
अरे क्यों मगरूर हैं इतने
यह अंदाज़ बुरा हैं
अपने इश्क़ पे देखो
इतना नाज़ बुरा हैं
कब तलक उठाओगे
खुद पे ज़ुल्मो सनम
खुल गया आपकी
सादगी का भरम
न खुदा ही मिला है
न खुदा ही मिला
न मिला रे सनम
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
आप से क्या कहे
हुस्न का बैग पैन
अरे छोड़ दो छोड़ दो
अब यह दीवानापन
हम हैं जाने वफ़ा
हम हैं जाने चमन
फिर भी हमको नहीं हैं
तुम्हारी लगन
अजी तुमसे सीखे कोई
झूठी बातें करना
अरे इश्क हमारा मज़हब
इश्क़ जीना मरना
यु न रुस्वा करो
इश्क़ को कम से कम
अरे जो भी कहते है वो
कर दिखाएंगे हम
खुल गया आपकी
आशिक़ी का भरम
अरे खुल गया आपकी
सादगी का भरम
न खुदा ही मिला
हाय हाय
न खुदा ही मिला
न मिला रे सनम
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे
न उधर के रहे
न इधर के रहे