मैं भूल जौ तुम्हे अब यही मुनासिब हे
मगर भूलना चाहू तो किस तरह
के तुम तो हक़ीकत थे कोई ख़्वाब ना थे
पहली नज़र में मैने ये जाना
इक दूजे के लिए बने थे हम
अंजानो की तरह तुम खो गये
क्यूँ दिल की रहो से गुम हो गये
कैसे ये गुम सहूंगी तेरे बिना
कैसे में जियूंगी तेरे बिना
फिर तोड़ के यूँ दिल हमारा जा रहा है
फिर छोड़ के तू बेसहारा जा रहा है
तू कहाँ तू कहाँ
आँखो में आँसू पहले ना थे
हम तुम जब दोनो मिले ना थे
तेरा मिलना ख्वाबो जैसा था
टूटे हुए ख़यालो जैसा था
ढूँढा है तुमको इन नज़रों में
तेरा नाम है दिल की दीवारों पे
फिर तोड़ के यूँ दिल हमारा जा रहा है
फिर छोड़ के तू बेसहारा जा रहा है
तू कहाँ (तू कहाँ) तू कहाँ
अंजानो की तरह तुम खो गये
क्यूँ दिल की रहो से गुम हो गये
कैसे ये गुम सहूंगी तेरे बिना
कैसे में जियूंगी तेरे बिना
फिर तोड़ के यूँ दिल हमारा जा रहा है
फिर छोड़ के तू बेसहारा जा रहा है
तू कहाँ (तू कहाँ) तू कहाँ
फिर तोड़ के यूँ दिल हमारा जा रहा है
फिर छोड़ के तू बेसहारा जा रहा है तू कहाँ