दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
वो सदा फिर मुझे बुलाने लगी
वो सदा फिर मुझे बुलाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
क्यूँ कज़ा भी मुझे सताने लगी
क्यूँ कज़ा भी मुझे सताने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
कौन है इनकी जो परवाह करे
कौन है इनकी जो परवाह करे
कौन है इनकी जो परवाह करे
कौन है इनकी जो परवाह करे
क्यूँ तमन्ना ए खुद को सज़ने लगी
क्यूँ तमन्ना ए खुद को सज़ने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
घूँगुना ने लगी खू गाने लगी
घूँगुना ने लगी खू गाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्ने लगी
Harsh Brahmbhatt
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