कुर्बान हुआ तेरी टिशनगी में यून
कुर्बान हुआ तेरी आशिक़ी में यून
बेखुदी में
बेकली में
बेकासी में हुआ
तुझको हर दुआ दी
और दागा भी और फ़ना हुआ
कुर्बान हुआ कुर्बान हुआ
आडया पे वफ़ा पे जफ़ा पे
कुर्बान हुआ कुर्बान हुआ
रूबरू है तू मगर
तनहा है यह जहाँ
जल उठे मेरी कूफ्रा से
साँसों का यह समा हो
क्या हुआ
पल में जाने खो गया क्यों
तू मिला
और जुड़ा ईमान हुआ यून
बेखुदी में
बेकली में
बेकासी में हुआ
तुझको हर दुआ दी
और दागा भी और फ़ना हुआ
कुर्बान हुआ कुर्बान हुआ
आडया पे वफ़ा पे जफ़ा पे
कुर्बान हुआ कुर्बान हुआ
मरने का सबब माँगता रहा डरबदार
मिटने को तो दिल पल में राज़ी हुआ
पूरी हुई हर आरज़ू हर दास्तान मेरी
के तुम शुरू हुए जहाँ मैं ख़तम हुआ
कुर्बान हुआ कुर्बान हुआ
अदा पे वफ़ा पे जफ़ा पे
कुर्बान हुआ कुर्बान हुआ