Lyrics
मैंने तो लाख जतन कर डाले
हाय रे बुझि न मन्न की जवाला
पिया को ल दे कोई लेक मिला दे कोई
जिया उन्ही को पुकारे उनको बुला दे कोई
मैंने तो लाख जतन कर डाले
हाय रे बुझि न मन्न की जवाला
पिया को ल दे कोई लेक मिला दे कोई
जिया उन्ही को पुकारे उनको बुला दे कोई
मैंने तो
रुत सुहानी मस्तानी में
आग लगी है जैसे पानी में
सुनती थी मै नहीं देखा था
तौबा ये रोग जवानी में
दिल को कैसे चैन मिले
वही चल जिनसे नैन मिले
मैंने तो लाख जतन कर डाले
हाय रे बुझि न मन्न की जवाला
पिया को ल दे कोई लेक मिला दे कोई
जिया उन्ही को पुकारे उनको बुला दे कोई
मैंने तो
जबसे मिला है कोई अपना सा
खुले पलक दिखे सपना सा
ऐसा नहीं है कोई जा तैरके
देता संदेसा उन्हें इतना सा
आजा रे आजा ले जाये न वह
कर जा अपनी सजनि को प्यार
नन्हे से दिल की कली
हो काली खिला दे कोई
जिया उन्ही को पुकारे उनको बुला दे कोई
मैंने तो लाख जतन कर डाले
हाय रे बुझि न मन्न की जवाला
पिया को ल दे कोई लेक मिला दे कोई
जिया उन्ही को पुकारे उनको बुला दे कोई
मैंने तो
MAJROOH SULTANPURI, NAGRATH RAJESH ROSHAN
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