अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
दिल हैं के मदहोश हुआ जाता हैं
मुझको डर हैं की
मेरी जान ना निकल जाए कहीं
अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
दिल हैं के मदहोश हुआ जाता हैं
हाय ये आपकी नज़रों की तीरो की चुभन
हाय ये आपकी
हाय ये आपकी नज़रों की तीरो की चुभन
मेरी रग रग में नशा सा चढ़ा जाता हैं
मुझको रोको मेरे कदम ना फिसल जाए कहीं
मुझको रोको मेरे कदम ना फिसल जाए कहीं
अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
दिल हैं के मदहोश हुआ जाता हैं
मेरी ज़ुल्फ़ोनो ना छेड़ो तुम अपनी सांसो से
मेरी ज़ुल्फ़ोनो ना छेड़ो तुम अपनी सांसो से
आज मैं इसकी बदन चला जाता हैं
रूह भी मेरी इश्स आग में ना झल जाए कहीं
रूह भी मेरी इश्स आग में ना झल जाए कहीं
अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
दिल हैं के मदहोश हुआ जाता हैं
मुझको डर हैं की
मेरी जान ना निकल जाए कहीं
अपनी नज़रों को ज़रा संभलो तुम
दिल हैं के मदहोश हुआ जाता हैं
PRAKASH RAHULE AADAM, S. CHATURSEN
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