Sanat
तू है मेरा मैं तेरी
फिर काहे की पर्दा दारी है
रंग तेरा
हो रंग तेरा ऐसा चढ़ा के
मेरे रंग पे भारी है
रंग तेरा ऐसा चढ़ा के
मेरे रंग पे भारी है
बेवजह ही तो नहीं है
मेरा तुमपे मरना
मैं दीवाना हो गया हूँ
कह रही है दुनिया
तेरा मेरा वास्ता है सदियों का
मेरे लिए तू हवा का मीठा झोका
तेरे बिना सुबह होती है कहीं
और दिन कहीं है ढलता
हो रंगो के डोरियों से बाँधा
प्यार का ये बंधन
तेरी ही धुन गाता रहता
बंजारा मेरा मन
हो तुझको सांसें नज़राना दूँ
के में तुझपे जान वारुं
तेरे दिल को जीत लून मैं
तुझपे सारी दुनिया हारूँ
तेरे बिना सुबह होती है कहीं
और दिन कहीं है ढलता
हो तू है मेरी में तेरा
फिर काहे की पर्दा दारी है
रंग तेरा
हो रंग तेरा ऐसा चढ़ा के
मेरे रंग पे भारी है
रंग तेरा ऐसा चढ़ा के
मेरे रंग पे भारी है
Sameer Anjaan
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