नजर से नजर लड़ गई, हाय राम
नजर से नजर लड़ गई
जिगर में छुरी गड़ गई, हाय राम
नजर से नजर लड़ गई
जिगर में छुरी गड़ गई, हाय राम
नशीली तेरी आँखें हैं बे पिए
नशीली तेरी आँखें हैं बे पिए
हमें जहर गैरों को अमृत दिए
हमें जहर गैरों को अमृत दिए
किसी की नहीं बन पड़ी दीद किए
पिलाने पर जब अड़ गई
जिगर में छुरी गड़ गई, हाय राम
नजर से नजर लड़ गई
हंसी वो शरारत की हँसने लगे
हंसी वो शरारत की हँसने लगे
घड़े बचने वाले भी हँसने लगे
घड़े बचने वाले भी हँसने लगे
बिछे जाल सौ फंदे कसने लगे
गिर और पड़ भी गई
जिगर में छुरी गड़ गई, हाय राम
नजर से नजर लड़ गई