गुमसुम गुमसुम गुपचुप
गुमसुम गुप चुप
गुमसुम गुमसुम गुपचुप
गुमसुम गुप चुप
हलचल हलचल हो गई तेरी (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
होंठ हैं तेरे चुप (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
खलबल खलबल हो गयी तेरी (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
बैठें हैं गुपचुप (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
प्यारे प्यारे चेहरे ने करते ही इशारा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
हमसे गोरी ना तू शरमा आ कह दे हमसे ज़रा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
हमसे गोरी ना तू शरमा आ कह दे हमसे ज़रा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
केहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें कैसे उन्हे मैं पुकारूं
केहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें कैसे उन्हे मैं पुकारूं
ग म प म प आ आ आ
ग म प ध नी सा नी प सा नी प ध प ग सा नी प ध प ग म रे
सा नी प ध नी सा सा नी नी सा नी नी सा नी नी सा नी नी सा
नी नी सा प म ग प ध प नी ध प आ आ आआ
पहली ही नज़र में कुछ हम कुछ तुम हो जाते हैं यूँ गुम
नैनों से बरसे रिमझिम रिमझिम हमपे प्यार का सावन
शर्म थोड़ी थोड़ी हमको आए तो नज़रें झुक जाएं
सितम थोडा थोडा हमपे शोख हवा भी कर जाए
ऐसी चले आँचल उड़े दिल में एक तूफ़ान उठे
हम तो लूट गये खड़े ही खड़े
केहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें कैसे उन्हे मैं पुकारूं
गुमसुम गुमसुम गुपचुप
गुमसुम गुप चुप
गुमसुम गुमसुम गुपचुप
गुमसुम गुप चुप
हलचल हलचल हो गई तेरी (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
होंठ हैं तेरे चुप (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
खलबल खलबल हो गयी तेरी (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
बैठें हैं गुपचुप (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
प्यारे प्यारे चेहरे ने करते ही इशारा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
हमसे गोरी ना तू शरमा आ कह दे हमसे ज़रा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
हमसे गोरी ना तू शरमा आ कह दे हमसे ज़रा (गुमसुम गुमसुम गुपचुप)
इन होठों ने माँगा सरगम सरगम तू और तेरा ही प्यार है
आँखें ढूँढे है जिसको हरदम हरदम तू और तेरा ही प्यार है
महफ़िल में भी तनहा है दिल ऐसे दिल ऐसे
तुझको खो ना दे डरता है ये ऐसे ये ऐसे
आज मिली ऐसी खुशी झूम उठी दुनिया ये मेरी
तुमको पाया तो पाई ज़िन्दगी
केहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें कैसे उन्हे मैं पुकारूं
कहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
केहना ही क्या
A. R. RAHMAN, MEHBOOB
Royalty Network, Universal Music Publishing Group
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