इक बात कहनी थी
पर थोड़ी सहमी थी
कह दूँ तो क्या होगा
सोचा बहुत रोका
सब कुछ रुआँसा है
धुँधला धुआँ सा है
लड़ने को दिल रोता
पर अब नहीं होता
सुन तो लो
(कुछ नहीं हुआ है)
सुन तो लो
(यह तेरा वहम है)
सुन तो लो
सुन तो लो
सुन तो लो
(ठीक लग रही हो)
सुन तो लो
(मुस्कुरा के देखो)
सुन तो लो
सुन तो लो
जब भी रोते नहीं हो सही हो तुम
यह ही रटते रहे
चोट लगती रही चुप ही सहते हम
दर्द बढ़ते रहे
क्यों कोई भी समझना ना चाहता है
समझाना हर कोई
बोले किसको यहाँ कौन सुनता है
कहने वाले सभी
सुन तो लो
(किसी को ना बताना)
सुन तो लो
(लोग क्या कहेंगे)
सुन तो लो
सुन तो लो
सुन तो लो
(सब ही सह रहे हैं)
सुन तो लो
(भूल जा इससे तू)
सुन तो लो
सुन तो लो
लड़ने को दिल रोता
पर अब नहीं होता