बोल के लब आज़ाद है तेरे
बोल जुबान अब तक तेरी है
तेरा सुतावां जिस्म है तेरा
बोल के जान अब तक तेरी है
बोल…
बोल के लब आज़ाद है तेरे
देख के आह गर के दुकान मैं
टुंड है शोले सुरख है अहं
खुलने लगे कफ़लॉन के दहने
फैला हर एक जंजीर का दामन
बोल
बोल ये थोड़ा वक्त बहुत है
जिस्म ओ जुबान की मौत से पहले
बोल के सच जिंदा है अब तक
बोल जो कुछ कह ना है कह दे
हिया
बोल जो कुछ कह ना है कह दे