हुआ है क्या नहीं खबर
पर कुछ तो है अलग मगर
मैं जानती न कुछ अगर
बता दे क्या हो गया
फिर होना क्या है मैं हूँ तुम भी हो
मेरे पास हो तुम पर गुम भी हो
मेरे अश्कों की हो तुम वजह
मेरे होंठों की हो हँसी
तेरी यादों में खो गया
खुद से जुदा मैं भी हो गयी
तेरी यादों में मैं भी खो गयी
खुद से जुदा मैं यूँ हो गया
तेरी यादों में
कभी कहीं तो हम मिले
जहाँ कोई भी मिलता नहीं
है वही जगह वो रास्ते
पहले सा कुछ लगता नहीं
जाने कैसे नशे में दिल से गए है सवेरे
मिलते बेगानों से पर लग रहे हो तुम क्यों मेरे
समझाना चाहूँ मैं लफ़्ज़ों में
तुमसे कह ना पाऊं
तुम्ही बता दो क्या हो गया
फिर होना क्या है मैं हूँ तुम भी हो
मेरे पास हो तुम पर गुम भी हो
मेरे अश्कों की हो तुम वजह
मेरे होंठों की हो हँसी
तेरी यादों में खो गया
खुद से जुदा मैं भी हो गयी
तेरी यादों में मैं भी खो गयी
खुद से जुदा मैं यूँ हो गया
खुद से जुदा मैं यूँ