ना जाने क्यों ना जाने क्यों
यह ख़ुशी की महफ़िल
धड़कता है दिल ना जाने क्यों
इन् हजारो में सनम तुम्ही
को दिया दिल ना जाने क्यों
तुम्हे छह के मेरे हसीन
कुछ और फिर चाहा नहीं
हल यह हुवा जाने क्यों
यह ख़ुशी की महफ़िल
धड़कता है दिल ना जाने क्यों
इन् हजारो में सनम तुम्ही
को दिया दिल ना जाने क्यों
जी में जो आये करो
इतना मगर देख लो
हाथों में है जो हाथ
वहीं अरमान का कातिल ना हो
हाय अल्ला तेरी नजर
जख्मी है मेरा जिगर
कातिल दिल के मेरे कही
तू ही मेरा दिल ना हो
हो तेरा शबाब खिलता
रहे जादू तेरा चलता रहे
हैं दुवा मेरी जाने क्यों
इन् हजारो में सनम तुम्ही
को दिया दिल ना जाने क्यों
यह ख़ुशी की महफ़िल
धड़कता है दिल ना जाने क्यों