क्यों परेशान हुए
क्यों परेशान हुए
हमने देखा जो तुम्हें
क्यों परेशान हुए
मन में भी मीत बने
दिल के भी मेहमान हुए
अजी दिल के भी मेहमान हुए
क्यों परेशान हुए
हमने देखा जो तुम्हें
क्यों परेशान हुए
एक नजर देख लिया
एक नजर देख लिया
इसमें क्या मेरी खता
कुछ बिगाड़ा तो नहीं
अपना ही नुकसान किया
अपना दिल तुमको दिया
अपना दिल तुमको दिया
दिल के तुम अरमान हुए
अजी दिल के तुम अरमान हुए
क्यों परेशान हुए
हमने देखा जो तुम्हें
क्यों परेशान हुए
मुँह से कुछ कहते नहीं
मुँह से कुछ कहते नहीं
दिल में सोकर जाते हो
जाने क्या बात है
रह-रह के जो याद आते हो
दिन भी कुछ ऐसे नहीं
दिन भी कुछ ऐसे नहीं
बीते हैं पहचान हुए
बीते हैं पहचान हुए
क्यों परेशान हुए
हमने देखा जो तुम्हें
क्यों परेशान हुए