हम दो हमारे हो दो
पास आने से मत रोको
छोडो शर्म यह मेरा तुम दिल न तोड़ो
जब हुवा अपना संगम
दो कहाँ एक हुये हम
हम एक ही बहोत हैं मेरे हमदम
कहीं पर रुक न जाए
यह बहती जीवन धारा
प्यार जिंदा रखने को
ज़रूरी मिलन हमारा
मिलन से भी बढ़कर हैं जी
रात दिन का साथ हमारा
आ आ आ आ आ
हम दो हमारे हो दो
पास आने से मत रोको
छोडो शर्म यह मेरा तुम दिल न तोड़ो
जब हुवा अपना संगम
दो कहाँ एक हुये हम
हम एक ही बहोत हैं मेरे हमदम
आज हर शम्मा बुझा दो
क्यों जले जलने वाले
रात रोशन रोशन हैं
तेरे बदन के हैं उजाले
बदन क्या हैं जान भी तेरी
सब कुछ हैं तेरे हवाले
आ आ आ आ आ
हम दो हमारे हो दो
पास आने से मत रोको
छोडो शर्म यह मेरा तुम दिल न तोड़ो
जब हुवा अपना संगम
दो कहाँ एक हुये हम
छोडो शर्म यह मेरा तुम दिल न तोड़ो
NAGRATH RAJESH ROSHAN, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR