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कितना आसान है कहना भूल जाओ, भूल जाओ
कितना मुश्किल है पर भूल जाना हो
कितना आसान है कहना भूल जाओ
कितना मुश्किल है पर भूल जाना
हो ना जाना ना जाना
कितना आसान है कहना भूल जाओ
कितना मुश्किल है पर भूल जाना
बिन सोचे बिन समझे लोग
माझी तो बन जाते है
उनको यह मालूम नही
के तूफान भी आते हैं
कितना आसान है माझी बन जाना
कितना मुश्किल है पार लगाना हो
कितना आसान है कहना भूल जाओ
कितना मुश्किल है पर भूल जाना
हा तुमको है दर्द बड़ा
इस दुनिया की रस्मो का
उलफत मे जो खाई थी
क्या होगा उन कसमो का
कितना आसान है वादे तोड़ देना
कितना मुश्किल है वादा निभाना हो
कितना आसान है कहना भूल जाओ
कितना मुश्किल है पर भूल जाना
हो ना जाना ना जाना
कितना आसान है कहना भूल जाओ
भूल जाओ, भूल जाओ
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL
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