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सुन इसकी गरीमा, इसकी महिमा, धरती, गगन सब काँपे
सृष्टि ये पूरी चाँद और सूरज इसकी धुन पे ही नाचे
ओरी सुन ले, ओरी सुन ले, ये यांत्रिक मावन सबसे ऊँचा
अरिमा-अरिमा, मैं हूँ लाखों सिंहा
तुझ सी हिरणी दिखे, तो ना जाने थमना
इसकी लोहे का दिल
सुबह-ओ-शाम काहे जले?
मैं Atlantic पे डूबा जाके अग्नि पर ना बुझे
होंठों से शबनम छिड़को अग्नि को ठंडा कर दो
मुझ सेज सजा के, ज़ुल्फ़ बिछा के, इश्क़ की दावत दो
अरिमा-अरिमा
अरिमा-अरिमा, मैं हूँ लाखों सिंहा
तुझ सी हिरणी दिखे, तो ना जाने थमना
सुन इसकी गरीमा, इसकी महिमा, धरती, गगन सब काँपे
सृष्टि ये पूरी चाँद और सूरज इसकी धुन पे ही नाचे
ओरी सुन ले, ओरी सुन ले, ये यांत्रिक मावन सबसे ऊँचा
लोहे की रगों में, बिजली की नसों में
प्रीति की ज्योति क्यूँ जले?
ज़ालिम लोहा, प्यारा-दुलारा सा
साजन हो दिल ये कहे
साजन हो दिल ये कहे
ना मानुष मैं हूँ, पुरूषों का राजा हूँ
कामातुर्यंतर हूँ, सीधे जो दिल झपटे
ऐसा सिरकन शेर हूँ मैं
यंत्रा, यंत्रा
यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा
अरिमा-अरिमा, मैं हूँ लाखों सिंहा
तुझ सी हिरणी दिखे, तो ना जाने थमना
सुन इसकी गरीमा, इसकी महिमा, धरती, गगन सब काँपे
सृष्टि ये पूरी चाँद और सूरज इसकी धुन पे ही नाचे
बादल में बिजली, रंगीन तितली
कह के रिझा ना पाओगे
तार ये बाजे, अरमाँ है जागे
Robo को कोगो ना कहो
जाओ जी जाओ, झूठी क्यूँ बात बनाओ
हमको ना ऐसे लुभाओ
तुम तो हो बस कठपुतली, पुतलों से ना दिल लागे
सुन इसकी गरीमा, इसकी महिमा, धरती, गगन सब काँपे
सृष्टि ये पूरी चाँद और सूरज इसकी धुन पे ही नाचे
ओरी सुन ले, ओरी सुन ले, ये यांत्रिक मावन सबसे ऊँचा
अरिमा-अरिमा, मैं हूँ लाखों सिंहा
तुझ सी हिरणी दिखे, तो ना जाने थमना
यंत्रा, यंत्रा
यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा, यंत्रा
A. R. RAHMAN, SWANAND KIRKARE
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