Şarkı sözleri
कितनी बातें याद आती है
तस्वीरें सी बन जाती हैं
मैं कैसे इन्हें भूलूँ
दिल को क्या समझाऊ
कितनी बातें कहने की है
होंठो पर जो सहमी सी है
इक रोज़ इन्हें सुन लो
क्यूँ ऐसे गुम सूम हो
क्यूँ पूरी हो ना पाई दास्तान
कैसे आई है ऐसी दूरियाँ
दोनो के दिलों में सवाल है
फिर भी है खामोशी
तो कौन है किसका दोषी
कोई क्या कहे
कैसी है ये उल्झानो के ये जाल है
जिन मै उल्झे है दिल
अब होना है क्या हासिल
कोई क्या कहे
दिल कि है कैसी मजबूरीयाँ
खोये थे कैसे राहो के निशाण
कैसे आयी है ऐसी दुरीयाँ
कितनी बातें कहने की है
होंठो पर जो सहमी सी है
इक रोज़ इन्हें सुन लो
क्यूँ ऐसे गुम सूम हो
कितनी बातें याद आती है
तस्वीरें सी बन जाती हैं
मैं कैसे इन्हें भूलूँ
दिल को क्या समझाऊ
ALOYIUS MENDONSA, Aloyius Peter Mendonsa, EHSAAN NOORANI, JAVED AKHTAR, SHANKAR MAHADEVAN
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