Show cover of My Science of Living

My Science of Living

Life is a Science. There are some set rules and some set parameters. As any Scientific process, if rules and parameters are followed honestly, results would be remarkable and life changing. In today's fast paced life style, we all are striving to attain: Unfailing Health , Abiding Happiness and Profound Love. And to do so, we all are running around, while the real source has always been in front of us - Fasting, Tithing and Meditation. In this Podcast, you will get to hear some great discourses, explaining in detail about this trifold scientific practice.

Tracks

आध्यात्मिक पाप की परिभाषा, सामाजिक और धार्मिक पाप से अलग है। जीवन में दुख का कारण सामाजिक या धार्मिक पाप नहीं, बल्कि आध्यात्मिक पाप हैं।इस पाप को कैसे पहचाने और कैसे इस पाप का निवारण करें

6/11/23 • 12:38

सुग्रीव का व्यक्तित्व मोह और आसक्तियों को दर्शाता है। प्रभु का मित्र होने के बाद भी मोह, लालच और आसक्तियों को त्यागने में सुग्रीव को कठनाइयाँ हुई। ऐसा ही हमारा जीवन भी है। हम सोचते हैं कि हम मंदिर जा कर, आरती कर के, अगरबत्ती दिखा के प्रभु के भक्त बन सकते हैं। परंतु ऐसा है नहीं।

6/11/23 • 15:30

समाज सेवा और आध्यात्मिक सेवा के अंतर तो समझें। समाज सेवा से चेतना का विकास नहीं हो सकता। अगर ब्रह्म का संस्प्रश करना हैं तो आध्यात्मिक सेवा को समझना आवश्यक है। प्रभु की सेवा केवल शब्दों से नहीं होती। उसके लिए प्रार्थमिकता, भाव और मात्रा, इन तीन बातों का ध्यान रखना पड़ता है। सेवा करते समय निस्वार्थता का प्रयास करें।

6/11/23 • 22:53

What helps in Meditation? 

3/7/23 • 22:36

We all have been listening and reading about Brahm. What is it? How to connect with it? What is it's reference in our day-to-day life?

3/6/23 • 22:25

When Mahavir Hanuman departs to find Mata Sita, he is met with multiple hinderances on the way. What is the symbolism of Hanuman, his project to discover Mata Sita and all the hinderances he found in between.

2/25/23 • 26:16

Ramayan, as we know it, has been around for years in a form of mythological and story telling scriptures. Deep dive in it's philosophy, which is anything but story. 

12/18/22 • 24:26

Ramayan, the book of ages has been read and listened as a story. This is a new take on Ramayan, to see it as it should be.

11/24/22 • 22:34

When life brings multiple tasks upon us, it becomes hard for us to find that 25th hour. We lack for Me Time or My Space, which is a must for our own sanity and development. Listen to the podcast, unmask some hidden rules that we can adopt to create that extra hour!!

2/12/21 • 33:35

Big husttles in life..how to achieve them? What changes in mind set are needed to overcome those big obstacles on daily basis? Join us in this candid conversation with IASS USA discussion panel. 

2/10/21 • 38:33

शरीर, मन और बुद्धि का तप - जगत गुरु शिव द्वारा श्री राम चरित मानस में समझाया गया है। पूज्य श्री अखिलेश जी के इस गूड़ ज्ञान को अत्यंत ही सरल भाषा में हम तक पहुँचाया है। 

12/14/20 • 16:21

जीवनी शक्ति के व्यय और अर्जन पर पूज्य श्री अखिलेश जी की आगे की चर्चा - प्रस्तुति  IASS Inc. USA 

12/14/20 • 16:56

मनुष्य अपनी जीवनी शक्ति को कैसे खर्च करता है और कैसे अर्जित करता है। पूज्य श्री अखिलेश जी ने जीवनी शक्ति के बारे में विस्तार से चर्चा की है। प्रस्तुति IASS Inc. USA 

10/5/20 • 16:10

इस भाग में पूज्य श्री अखिलेश जी ने माँ शतरूपा के वरदान का विश्लेषण किया है। प्रभु अपने भक्त का मान रखने के लिए ना ना प्रकार के अवतार लेते  हैं। क्या माँगा था माँ शतरूपा ने और कैसे प्रभु ने उनको सर्वोच पद प्रदान किया, आइए सुनते हैं। 

9/10/20 • 12:48

हिंदू धर्म में  भगवान मनु और माँ शतरूपा को प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री का स्थान प्राप्त है। पूज्य श्री अखिलेश जी ने यहाँ भगवान मनु और माँ शतरूपा के द्वारा अपनायी हुई तप - सेवा - सुमिरन की साधना का वर्णन किया है।

9/10/20 • 13:08

ईश्वरीय ज्ञान को जन सामान्य तक पहुचाने के लिए, दिव्य ग्रंथों ने कई प्रकार के किरदारों को जन्म दिया है। इसी प्रकार का एक किरदार है लंका पति रावण। रावण क्या है? किस मानसिकता का प्रतीक है? हम रावण रूपी किरदार से क्या सीख सकते हैं? सुनिए पूज्य श्री अखिलेश जी को, इस विशिष्ट किरदार की विवेचना करते हुए. 

9/4/20 • 16:57

पूज्य श्री अखिलेश जी, इस भाग में भी "जान ने" और "मान  ने" पर बल देते हैं। सिर्फ़ क्रिया करने से जीवन में शक्ति, आनंद, ज्ञान और प्रेम का स्थायी अनुभव नहीं हो सकता। 

9/4/20 • 13:43

मनुष्य समय के प्रारम्भ से शक्ति, आनंद, ज्ञान और प्रेम की तलाश में भटक रहा है। इन मौलिक माँगों को अर्जित करने के लिए, ना ना प्रकार की क्रियाएँ करता है, और हर क्रिया की विफलता के बाद, एक नयी क्रिया की पूर्ति में लग जाता है।  पूज्य श्री अखिलेश जी ने, अत्यंत सरल भाषा में समझाया है, कि, केवल क्रिया पर बल देने से, मौलिक माँगों की स्थायी प्राप्ति नहीं हो सकती। 

9/4/20 • 13:38