बरस रही है रौशनी
बरस रही है रौशनी
दीवारे तोड़के
राहों को मोड़के
निकली है रौशनी
हर बंधन छोड़ के (हर बंधन छोड़ के)
घोलो घोलो यह अँधेरे हाँ
बना दो सिहाहीं और लिख दो तुम
नयी सुबह नयी सुबह
तोड़ो ताले सूरज को खोल दो
सबकी मुट्ठी रोशन है बोल दो
तोड़ो कोऊऐ और कर दो तुम नदी
पी लो बांटो है सब की रोशनी
रोशनी
है यह सबकी रोशनी (रोशनी)
पिघली है यह रोशनी (रोशनी)
है यह सबकी रोशनी (रोशनी)
पिघली है यह रोशनी (रोशनी)
बरस रही है रौशनी
सबके लिए रस्ते हो
आशा के बस्ते हो
जिन में उजाले बस्ते हो
हो सबके लिए रस्ते हो
आशा के बस्ते हो
जिन में उजाले बस्ते हो
खाई सिधि मिट मिट गयी
गायी सीधी हट हट गयी
हो सबका सूरज
सबका आसमान अब यहाँ
तोड़ो ताले सूरज को खोल दो
सबकी मुट्ठी रोशन है बोल दो
तोड़ो कोऊऐ और कर दो तुम नदी
पी लो बांटो है सब की रोशनी
रोशनी
है यह सबकी रोशनी (रोशनी)
पिघली है यह रोशनी (रोशनी)
है यह सबकी रोशनी (रोशनी)
पिघली है यह रोशनी
रोशनी की रैली धूप फैली फ़ेल्ली
रुत यह नयी है नवेली
रोशनी की रैली धूप फैली फ़ेल्ली
रुत यह नयी है नवेली
अब तोह सब है फिसरे रुले
इंजन सबका खिसके रुले
हो सबकी मंजिल
सबका कारवां अब यहाँ
तोड़ो ताले सूरज को खोल दो
सबकी मुट्ठी रोशन है बोल दो
तोड़ो कोऊऐ और कर दो तुम नदी
पी लो बांटो है सब की रोशनी
रोशनी
है यह सबकी रोशनी (रोशनी)
पिघली है यह रोशनी (रोशनी)
है यह सबकी रोशनी (रोशनी)
पिघली है यह रोशनी