Lyrics
मेरा परदेशी ना आया
ऊ हो मेरा परदेशी न आया
सबके मन के मित मिले हैं
बागो में फिर फूल खिले हैं
मेरा मन मुराझाय
मेरा परदेशी न आया
सावन बरसा यू मन तरसा मे जी भर के रोई
सावन बरसा यू मन तरसा मे जी भर के रोई
जिसने देखा पागल समझा ये न समझा कोई
मेरा परदेशी ना आया
ऊ हो मेरा परदेशी न आया
याद में किसकी जाने जुल्मी भूल गया बिरधन को
याद में किसकी जाने जुल्मी भूल गया बिरधन को
राह में जाने किस सौतन ने रोक लिया साजन को
मेरा परदेशी ना आया
ऊ हो मेरा परदेशी न आया
सांझ-सकारे ये कह-कह के छेड़े दुनिया सारी
सांझ-सकारे ये कह-कह के छेड़े दुनिया सारी
वो आती है वो जाति है एक बिराहा के मारी
मेरा परदेशी ना आया
ऊ हो मेरा परदेशी न आया
सबके मन के मित मिले हैं
बागो में फिर फूल खिले हैं
मेरा मन मुराझाया
मेरा परदेशी न आया
ANAND BAKSHI, ANANDJI KALYANJI, ANANDJI V SHAH, ANANDSHI BAKSHI, KALYANJI VIRJI SHAH
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