हं हं चांदनी से घर सजाउ मैं
आसमान से चाँद लाऊँ
चांदनी से घर सजाउ में
जो मेरे सपने है
बस वोही अपने है
जो मेरे सपने है
बस वोही अपने है
इस जहाँ से क्या मुझे लेना
आसमान से चाँद लाऊँ
चांदनी से घर सजाउ में
जो मेरे सपने है
बस वोही अपने है
इस जहाँ से क्या मुझे लेना
आसमान से चाँद लाऊँ
दिल चाहता है बनाऊँ
कहीं मैं एक छोटा सा घर
हस्ता रहूँ उसमे
गाता रहूँ हर घम
से मैं बेखबर
प्यार की बस्ती में
दिन कटे मस्ती में
इस जहाँ से क्या
मुझे लेना क्या देना
आसमान से चाँद लाऊँ मैं
मेरे खयालों में आने
लगी फूलों सी नाज़ुक परी
बेचैनियों को बढ़ाने
लगी लड़की वह जादू भरी
उसका अफ़साना हूँ
मैं तो दीवाना हूँ
इस जहाँ से क्या मुझे
लेना क्या देना
आसमान से चाँद लाऊँ
चांदनी से घर सजाओं में
जो मेरे सपने है
बस वोही अपने है
जो मेरे सपने है
बस वोही अपने है
इस जहाँ से क्या मुझे लेना क्या देना
आसमान से चाँद लाऊँ मैं
हंहं