Lyrics
नफ़रत की लाठी तोडो
लालच का खंजर फैंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो
तुम प्रेम के पंछी हो देश प्रेमियो
देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
नफ़रत की लाठी तोडो
लालच का खंजर फैंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो
तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
देखो, ये धरती
हम सबकी माता है
सोचो, आपस मे
क्या अपना नाता है
हम आपस मे लड़ बैठे तो देश को कौन संभालेगा
कोई बाहर वाला अपने घर से हमे निकलेगा
दीवानो होश करो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मीठे पानी मे ये
ज़हर ना तुम घोलो
जब भी, कुच्छ बोलो ये
सोच के तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव जो बनता है गोली से
पर वो घाव नही भरता जो बना हो कड़वी बोली से
तो मीठे बोल कहो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
आ आ आ आ
तोडो दीवारे ये
चार दिशाओ की
रोको, मत राहें इन
मस्त हवओ की
पूरब पश्चिम उत्तर डाकखां वालो मेरा मतलब है
इस माटी से पूछो क्या भाषा क्या इसका मज़हब है
फिर मुझसे बात करो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
मेरे देश प्रेमियो
आपस मे प्रेम करो देश प्रेमियो
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL
Universal Music Publishing Group